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जौं हम जनितहुँ हे सखि / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जौं हम जनितहुँ हे सखि कृष्ण चलि जयता
सबेरे बिहाने घरबा जयतहुँ हो लाल
जौं हम जनितहुँ कृष्ण रूसि जयता
से पलंगे पर सप्पत खुअबितहुँ हो लाल
एक मोन होइए कृष्ण संगे जइतहुँ
कुलबा मे दगबा लगै छै हो लाल
जौं हम जनितहुँ कृष्ण रूसि जयता
दोसरे प्रीति लगाय रोकितौं हो लाल
घोड़बा चढ़ल आबथि कृष्ण जी पहुनमा
चम चम चमके चदरिया हो लाल
धैरज धरू गोपी से कृष्ण चलि एता
सांझ बिहाने घरबा मे जायब हो लाल