भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आया तीजां का त्योहार / हरियाणवी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:58, 9 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा
सामण में बादल छाए
सखियां नै झुले पाए
मैं कर लूं मौज बहार
आज मेरा बीराा आवैगा
आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा
मेरे मन में चाव घणा सै
क्या सुंदर समै बणा सै
मन्नै कर द्यो तुरत तैयार
आज मेरा बीरा आवैगा
आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा