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राजा जी जे थारै जन्मैगा पूत / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राजा जी जे थारै जन्मैगा पूत मोहर हम पचास लेवां --
हां जी हां।
राजा जी जै थारे जन्मैगी घी ओढां हम चुंदड़िया --
हां जी हां।
राजा जी कौल बचन कर लो जी याद मोहर पचास हम लेवां --
हां जी हां।
दाइए! पूत जन्मा हमारी नार, तेरा दाई क्या रे लेया --
हां जी हां।
राजा जी दोए बरस की सै बात दाई कै पैरां फेर पड़ो --
हां जी हां।
राजा जी मेंह अन्धेरोड़ी रात चतर दाई कैसे चले --
हां जी हां।
दाइए! छिन्न भिन्न बरसैं मेह, ओढो थारी घाघरी --
हां जी हां।