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मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार
जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार
कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार
बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल