भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जय जय जय राधा अभिराम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:09, 9 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
जय जय जय राधा अभिराम। जय जय जय माधव गुणधाम॥
जय जय पावन नन्दग्राम। जय बरसाना पूरणकाम॥
जय नँदबाबा, नृप वृषभान। जय मनमुख, मधु सखा सुजान॥
जय कीर्तिदा मूर्ति अनुराग। जयति यशोदा माँ बड़भाग॥
जय गोपीजन कायब्यूह। जय सखिगण-मञ्जरी-समूह॥
जय रासेश्वरि रूप ललाम। जय रसिकेन्द्रशिरोमणि श्याम॥
जय जय निभृत निकुञ्ज सुरय। जय लीला मन-बुद्धि-अगम्य॥