हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लाडो ए बागां जाना छोड़ दो आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां
हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां, ले रहे हैं ढाल तलवारियां
लाडो ए कुए जाना छोड़ दो, आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां
हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां, ले रहे हैं ढाल तलवारियां
लाडो ए गलियां जाना छोड़ दो, आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां
हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां, ले रहे हैं ढाल तलवारियां