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हे फुलड़े तो बीन्हण / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हे फुलड़े तो बीन्हण म्हारी चलीए लाडली बाबल की फुलवाड़िआं
हे एक फूल बीन्हा लाडो देा फूल बीन्हे तीजै मैं भरी ए चगेरिआं
हे आगे तो मिल गया साजन का री बेटा लइए डपट्टे छाइओ
हे सुण सुण हो जान के हो बेटे हम सां अखन कवांरिआं
हे अखन कवांरी लाडो बड़ परवारी रूप घणा गुण आगली
हे जद मेरा लक्खी बाबल ब्याह ए रचावै जब रे चलूंगी तेरी साथ में
हे फुलड़े तो बीन्हण...