भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नगरी नगरी द्वारे द्वारे / हरियाणवी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:28, 11 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=शा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिआ
सीस बन्नै के सेरा सोए
लड़िओं पे नजरिआ
नगरी नगरी...
कान बन्नै के मोती सोए
सच्चयां पे नजरिआ
नगरी नगरी...
गल्ल बन्नै के तोड़ा सोए
टिकड़ै पर नजरिआ
नगरी नगरी...
हाथ बन्नै के घड़िआं सोए
गुट्ठी पै नजरिआ
नगरी नगरी...
पैर बन्नै के जूता सोए
चलगत पै नजरिआ
नगरी नगरी...
सेज बन्नै के बनडी सोए
जोड़ी पै नजरिआ
नगरी नगरी...
हेठ बन्नै के लील्ली सोए
महफिल पै नजरिआ
नगरी नगरी...