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पारस पत्थर / तादेयुश रोज़ेविच / सरिता शर्मा
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इस कविता को
सुला देने की जरूरत है
इससे पहले कि
यह शुरू कर दे
चिंतन करना
इससे पहले कि
यह उम्मीद करे
तारीफों की
जिंदा हो जाए
भूलने के पल में
शब्दों के प्रति संवेदनशील
उचटती निगाह डालता है
तलाश करता है
पारस पत्थर की
अपनी मदद के लिए
अरे राहगीर तेजी से कदम बढ़ा
मत उठा लेना इस पारस पत्थर को
वहाँ एक अतुकांत
अनावृत्त कविता
तब्दील हो जाती है
राख में