भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरा सुसरा बरजै हे बहू! / हरियाणवी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:13, 12 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=शा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मेरा सुसरा बरजै हे बहू! मत नौतो अपणा भैया,
मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया।
मेरा जेठा बरजै हे बहू! मत नौतो अपणा भैया,
मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया
देवर बरजै हे भाभी! मत नौतो अपणा भैया,
मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया
मेरा राजा बरजै हे गोरी! मत नौतो अपणा भैया,
मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया