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किसिआं बान्ना हे न्योंदिए / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
किसिआं बान्ना हे न्योंदिए
घर किसिआं के हे जा
यू बनवाड़ा हे न्योंदिए
सिरी राम बन्ना हे न्योंदिए
घर राम जी के हे जा
यू बनवाड़ा हे न्योंदिए
फीडे मारे हे मोचड़े
चाले हे नान्हड़ी चाल
चादर ओढ़े ए तीन पटी
बैठ भाईआं के हे बीच
यू बनवाड़ा हे न्योंदिए