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चढ़ज्या रे बन्दड़े तावला / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चढ़ज्या रे बन्दड़े तावला
तनै क्यूं झड लाए
पीले रे बना तेरे कपड़े
तेरे नैणां में स्याई
बाग पकड़ बना चढ़ ग्या
अपणी चितराई
आगै चितर बना लाडला
पाछे सब भाई