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तेरा तीजन सूना होय / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तेरा तीजन सूना होय, बाबुल तेरी धीय बिना
मेरी बहूआं कातेंगी हे, कि लाडो बेटी जाय घरां
तेरा पैंहड़ा रता होय, बाबुल तेरी धीय बिना
मेरी पोती भरैंगी हे, कि लाडो बेटी जाय घरां
मैं तो गुड़िया भूली हे, बाबुल तेरे आले में
मेरी पोती खेलेंगी हे, कि लाडो बेटी जाय घरां
तेरे गोबर बिछ रहा है, बाबुल तेरी धीय बिना
मेरी बहूआं गेरेंगी हे, कि लाडो बेटी जाय घरां
मेरा बहली अटक्यो हे, बाबुल तेरी गलियां में
दो ईंट कढ़वा दे हे, कि लाडो बेटी जाय घरां
तुझे बाबुली कौन कहे, बाबुल तेरी धीय बिना
आसूं तो भर आये नैन, कि लाडो बेटी जाय घरां