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हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी / हरियाणवी

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हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी घल रह्या खटकै का डोल
हे री मन्ने झट दे दोघड़ तारी पास्या खटके का डोल
हेरी एक राही जांदा बटेऊ दीखै माई जाया बीर
रे कूएं की पनिहारी इक घूंट नीर पिलादे
रे बीरा एक बर घर नै चाल प्याद्यूंगी गऊआं का दूध
ए बहू आज पाणी नै गई थी ल्याई किस ने साथ
ए री सासड़ झट दे दोघड़ तार आया मेरा माई जाया बीर
हे री सासड़ एक बार दूध पिला दे पीवै माई जाया बीर
रे बीरा एक बर घर ने चाल पूछूं घर कां की बात
ए बेबे घर के राजी खुसी सैं मरगी बुड्ढिया सी मां
रे बीरा तारूं हार सिंगार हो ल्यूं रे तेरी साथ
रे बीरा चलदी के गोडे टूटे कित सी आवै रे गाम
गोरी तावली तावली चाल आजा ले ल्यूं अपण रे साथ
ए री माता खोलो अजड़ किवाड़ ल्याया पतंगा सी नार
रे बेटा किसका बस्या उजाड्या किस का कर आया नास
ए री माता ना मन्ने बस्या उजाडा ना मैं कर आया नास
री माता कूएं पे जल ने भरै थी होली म्हारी साथ
हे री मायड़ जल नै भयं थी बण गया माई जाया बीर
ए रे जित ल्याया उत छोड़ आ ना कर द्यूंगी तेरा नास