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ऊठ बहू मेरी पीस ले / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ऊठ बहू मेरी पीस ले यो दिन धोला लिकड़ आया हे।
तन्नै कै सासू पीसणा मैं काच्ची नींद जगाई हे।
सेजां पै तै बालम बोल्या सुण ले अम्मां मेरी हे।
भले घरां की ब्याह के ल्याणा इब नां चालै थारी हे।
भरी सी मैं झोट्टी ल्यूंगा छोटा बीरा ल्यूंगा पाली हे।
बलध्यां की मैं जोड़ी ल्यूंगा बाबल ल्यूंगा हाली हे।
भारी सी मैं चाक्की ल्यूंगा थम ने ल्यूं पिनहारी हे।
गोबर कूड़ा थमै करोगी गरज पड़ै रह जाइयो हे।