हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हे मेरी सांझी
तेरी चम्पा फुली आंगी कुरबान सांझी
हो मेरा सुसरा
तेरी डाढी लिकड़ा कचरा कुरबान सांझी
हे मेरी सासू
तेरे गिण गिण तोडूं पांसू कुरबान सांझी
हे मेरी नणदी
तेरी तोड़ घड़ा लूं अणदी कुरबान सांझी
सांझी चाली सांझ नै
गैल बसंता पूत
और सब चीज सिर पर धरी
बगल में मारा सूत