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नौ नौ नौरते संझा माई के / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
नौ नौ नौरते संझा माई के
सोलां कनागत पितरां के
उठ माई बैठ माई खोल दे पाट
मैं आई तने पूजण ने
पूज पिछोकड़ कै फल लागे
भाई भतीजे पूरे पंचास
कड़वी कचरी कड़वी बेल
पूत फलियां तेरी बेल
मक्का देरी मक्का द
तेरे आये बोहड़िआ धक्का दे