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जवाहर लाल भी रह्या करें थे / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जवाहर लाल भी रह्या करें थे साथ गांधी की
सब दुनिया नै मानी साची बात गांधी की
चरचा थी खूब होण लागी दिन रात गांधी की
सरब बियापक थे एक नहीं थी जात गांधी की
हाथ हथकड़ी पायां बेड़ी यो गहणा गांधी का
सौ सौ बार हुआ जेलां में रहणा गांधी का
जो मिल रा सै सुराज हम नै यो लहणा गांधी का
मिल कै नै सारी कौम रहो यो कहणा गांधी का
हिन्द की ऊंची कर दी सज्जनों सान गांधी नै
चकरबरती राजा करै हैरान गांधी नै
देस की खातर खो दी अपनी जान गांधी नै
एक बार फिर पैदा कर भगवान गांधी नै