भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सास मन्ने नेवरी घड़ा दे री / हरियाणवी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:17, 14 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सास मन्ने नेवरी घड़ा दे री
हे री नेवरी पै नान्ही नान्ही बूंद
नेवरी में बाज्जा घला दे री
बहू तन्ने बाज्जा भावै ए
हे री मेरा लाल लड़ाइआं बीच
बहू मेरा के जीवणा सै री
सास मन्ने नेवरी घड़ा दे री