भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चन्दा तेरो चान्दणे कोयली बोले / हरियाणवी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:56, 17 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चन्दा तेरो चान्दणे कोयली बोले
खेलण जोगी है रात राजा कोयली बोले
ननद भौजाई खेलण निकली खेल खाल के घर बावड़ी
घर तो बैठा लणिहार राजा कोयली बोले
‘कहां गई तेरी मां कहां गया तेरा बाप राजा कोयली बोले’
‘कोई पीहर गई मेरी मां दिल्ली गया मेरा बाप राजा कोयली बोले’
‘के तो ल्यावे तेरी मां के तो ल्यावे तेरो बाप राजा कोयली बोले’
‘चून्दड़ी तै ल्यावे मेरी मां कपड़ा तै ल्यावै मेरो बाप राजा कोयली बोले’