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मेरी दुनिया / अनिता ललित

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कौन से दो जहाँ माँगे मैनें
सिर्फ़ दुनिया ही तो माँगी थी!
तुम्हारी दो बाहों के आगे...
मेरी कोई दुनिया ही कहाँ?