सिया सँ रामक परतर / कालीकान्त झा ‘बूच’
मानै छी सुनियौ रघुवंशी पुरूष अहाँ बेजोड़ औ,
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
अपने केॅ जन्मौलनि माता,
सीता हमर सहज संजाता,
कतबो सुन्नर श्याम मुदा छी,
कतबो गुनगर राम मुदा छी,
अपने नीलाकाश जानकी,
लाली पसरल भोर औ ।
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
मादक दृष्टि कमल दल लोचन
मुस्की कामदेव मदमोचन,
नशा बनल चढ़ि रहल नेह अछि,
बिसरल छी हम कतऽ देह अछि,
मुदा सियाक दिव्य दर्शन मे
अमृते केर बोर औ
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
धनुषा तोड़ल पाबि जुआनी,
तहिये सँ छी नामी गामी,
बाउ अधिक जुनि बनू गुमानी
ताहि धनुखा केर सुनु पिहानी
तकरा बाल्यावस्थे मे ई
उठा लेलनि कऽ कोर औ ।
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
उच्च विचार आचरण सादा,
सदिखन संयोगल मरयादा,
आइ कतऽ रहि गेल बपौटी,
पिछरल चरण करीनक पौटी
फलक साधिका सीता हम्मर
अपने फूलक चोर औ
हमरा सिया...