भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

थाम ले रश्मि-रथ / रमेश रंजक

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:32, 13 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश रंजक |अनुवादक= |संग्रह=किरण क...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पंथ दूरत्व का भार भय
                    (दूर कर)
                    हो अभय
पाँव धर प्राप्त कर दिग्विजय

आँधियाँ सौतिया डाह से
तोड़तीं आस्था राह से
अपशकुन कर सुना-अनसुना
प्यास की आस में गुनगुना
एक स्वर, एक लय
                    हो अभय
पाँव धर प्राप्त कर दिग्विजय

स्रोत उत्साह का तू बहा
हर विपत्ति पर लगा कहकहा
मुस्कुरा, बिजलियों के तले
थाम ले रश्मि-रथ बाँध ले
मुट्ठियों में समय
                    हो अभय
पाँव धर प्राप्त कर दिग्विजय