रोटी के पैदा होते ही
- बुझे नैन में
जुगनू चमके,
और थका दिल
- फिर से हुलसा,
जी हाथों में आया,
और होंठ मुस्कराए,
- घर मेरा
वीरान पड़ा--
आबाद हो गया ।
रोटी के पैदा होते ही
जुगनू चमके,
और थका दिल
जी हाथों में आया,
और होंठ मुस्कराए,
वीरान पड़ा--
आबाद हो गया ।