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लंका / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

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खुरखुर भैया सूट सियौलनि
बतही काकी क हाथ रूमाल
अध वयसि चोकटलही भौजी
बाट पसारलि प्रेमाजाल

मैथिली कुहरथि पर्णकुटी मे
सूर्पनखा बनली रानी
नेना पेट क्षीर विनु आकुल,
मोबाइल नचावथि पटरानी

अर्धांगिनी नेत्री सँ कुपित भऽ
शंखनाद कयलनि मामा
हस्त ऊक लऽ मामी खेहलथिन्ह
फूजल मामा केर पैजामा।

अपन पुतोहु केॅ झोंकि अनल मे,
बनि गेलीह गामक सरपंच
धर्माचार्य देव मंदिर केर
मुदा हृदय भरल परपंच

कतेक घऽर मे सान्हि काटि
शांति समितिक भेलथि प्रधान
रक्षक छन्हि चुटकी मे बैसल
कोना बाॅचत अवला केर मान?

विद्यालय केॅ मुॅह नहि देखल
धएने कुरसी शिक्षा सचिव
कुटिल तंत्र केर ईह लीला मे
मारल गेलन्हि मूक गरीब

मुंडी इनार मे हुरहुर जनमल,
कमीशन लागत दस परसेन्ट
नौकरशाह मोटर मे घूमथि
आँखि गोगल्स काँखि मे सेन्ट

सभ काज मे दिऔक भएट
शौच करू वा लघुशंका
रामराज्य केॅ बिसरू बाबू
आर्यावर्त आव सद्यः लंका

राजनीति मे अज्ञ- विज्ञ केर
नहि कोनो अछि वर्ग विभेद
अपने पीबथि ताड़ी दारू,
मंत्री विभाग मद्य-निषेध

राग वसंतक गेल जमाना
सुनू ब्रितानी विकट संगीत
डंकल- कुरथी पाक बनल आ-
अप्पन वारिक पटुआ तीत