भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पिया सों कहियो जाय ! / कांतिमोहन 'सोज़'

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:51, 19 नवम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कांतिमोहन 'सोज़' |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पिया सों कहियो जाय !
पपीहे मोरे पिया सों कहियो जाय !

वो मरजानी प्रेम दिवानी
जिसकी तूने कदर न जानी
दुनिया से होकर बेगानी
मरी कटारी खाय
पिया सों कहियो जाय !
पपीहे मोरे पिया सों कहियो जाय ।।

जेहिके कारन जोग जगाया
छोड़के सारी ममता-माया
ऊ बेदर्दा लौट न आया
मरी कटारी खाय
पिया सों कहियो जाय !
पपीहे मोरे पिया सों कहियो जाय ।।

पिया सों कहियो जाय !
पपीहे मोरे पिया सों कहियो जाय ।।