भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इराक पर / सुरेन्द्र रघुवंशी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:44, 22 नवम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र रघुवंशी |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उसने वही किया
जो उसे करना था
हालाँकि दुनिया में फैली
कायरता के सर्वे के लिए
शुरू में उसने कीं
अपनी उड़ान के दम पर
गिद्ध-यात्राएॅं
और वह झपट पड़ा
एक निरीह देश पर

दुनिया भर के लोगों की
इच्छाओं की वेगवती नदी पर
बाँध बने खड़े रहे
दुनिया भर के शासक

दर्शक-दीर्घा में थी
शासकों की तमाशबीन भीड़
वैश्विक स्तर पर

उसने अपनी नपुंसकता छिपाने के लिए
एक कमज़ोर देश पर बलात्कार किया
अब वह उसके गर्भ से
अपना बच्चा भी चाहता है