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प्रेम एक कविता है / भास्करानन्द झा भास्कर

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सुमधुर भावों की
उमंगों से तरंगित
छलछल
कलकल
हृदय-आप्लावित
अनवरत
अहर्निश
बहती सुर सरिता है
प्रेम एक कविता है...

प्रणय लोक में
पावन पथिक
अथक
श्रान्त
निश्छल अन्तर्मन
सौन्दर्य बोध
अगाध
प्रगाढ
मानवता भविता है
प्रेम एक कविता है...