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फूल फूलेको बागमा / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा

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फूल फुलेको बागमा चाँदनीको माधुरी।
हर्हर हवाको चाल शितल फूल हिल्छन् फर्फरी॥

जल्छ चंचल कल्कलाई चाँदनीमा झल्कने।
एक बुल्बुल बोल्छ मीठो प्रेमको ताना दिने॥

पातका बुट्टा परेका घाँसका सौन्दर्यमा।
एक युवति ढल्किएकी बोटमा आनन्दमा॥