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म्हारा घर मदनसिंह जलमियो / निमाड़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

म्हारा घर मदनसिंह जलमियो।
हऊँ तो जोसी घर भेजूं बधाओ,
हमारा घर पोथी-पुराण लई आवऽ।
पोथी वाचसे नानो-सो बालुड़ो, पुराण वाचसेऽ ओको बाप।
मारूणी न मदनसिंह जलमियो।
हऊँ सोनी घर भेजूं बधाओ,
म्हारा घर कड़ा-तोड़ा लइ आवऽ।
तोड़ा पेरसे नानो-सो बालुड़ो, कड़ा पेरऽ नाना को बाप।
मारूणी न मदनसिंह जलमियो।
हऊँ तो बजाजी घर भेजूं बधाओ,
म्हारा घर साड़ी वागो लई आवऽ।
साड़ी पेरऽ गा नाना की माय,
वागो पेरऽ नाना को बाप।
मारूणी न मदनसिंह जलमियो।
हऊँ तो दरजी घर भेजूँ बधाओ,
म्हारा घर झगो-टोपी लई आवऽ।
झगो पेरऽ गा नान-सो बालुड़ो,
टोपी पेरसे नाना को भाई।
मारूणी न मदनसिंह जलमियो।
हऊँ तो बीराजी घर भेजूँ बधाओ,
म्हारा घर पंचो पेळो लई आवऽ
पेळो पेरऽ गा नाना की माउली,
पंचो बांधऽ गा नाना को बाप
हऊँ तो सबईघर भेजूँ बधाओ,
मारूणी न मदनसिंह जलमियो।