Last modified on 8 जनवरी 2008, at 13:42

आओ भी, चलें / केदारनाथ अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:42, 8 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं-1 / केद...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आओ भी, चलें,

फूल को छोड़ कर

गन्ध के साथ

आग की खोज में

रात को जीत कर जिएँ !


आओ भी, चलें,

शब्द को छोड़ कर

अर्थ के साथ,

मर्म की खोज में

सिन्धु में डूब कर जिएँ !


आओ भी, चलें

वेणु को छोड़ कर

नाद के साथ,

गूँज की खोज में

देश में गूँज कर जिएँ !