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शहजादी बन्नी लाड़ली फुलबगिया घूमन गयी आज / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

शहजादी बन्नी लाड़ली, फुलबगिया घूमन गयी आज।
आजा जी उनके वर ढूड़न निकले
शहजादी बन्नी घर चलो,
दरवाजे पे सजी है बारात। शहजादी...
बाबुल जी उनके वर ढूड़न निकले।
शहजादी बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात।
चाचाजी उनके वर ढूड़न निकले,
शहजादी बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात।
भैया जी उनके वर ढूड़न निकले,
बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात।
मामाजी उनके वर ढूड़न निकले,
बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात।