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प्यारी सीताजू की परती भाँवरें जू / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
प्यारी सीताजू की परती भाँवरें जू।
पैली भाँवर जब परी बेटी जब लों आजुल की होय।
दूजी भाँवर जब परी बेटी जब लों बाबुल की होय।
तीजी भाँवर जब परी बेटी जब लों काका की होय।
चौथी भाँवर जब परी बेटी जब लों भैया की होय।
पाँचई भाँवर जब परी बेटी जब लों मामा की होय।
छठई भाँवर जब परी बेटी जब लों फूफा की होय।
सातई भाँवर जब परी बेटी हो गई पराई जू।
माय बाबुल जुर मिल हरदी ल्यायेजू।
बेटी के हाथ पीरे करके धर दये सजन जू के हाथ जू।
प्यारी सीताजू की परतीं भाँवरें जू।