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आला चोखे रे चंदन कटाय होरे भौंरा / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आला चोखे रे चंदन कटाय होरे भौंरा।
सुघर से बढ़ई बुलाय मोरे भौंरा।
चंदन पलकिया डराये ओ रे मोरे भौंरा।
जो चढ़ जैहों अपने ससुरा कें ओ मोरे भौंरा।
ससुरा के अँगना जेठन देवरन से भरियो रे मोरे भौंरा।
जेठा के अँगना जिठौतन सें भरियो ओ रे मोरे भौंरा।
देवर के अँगना देवरौतन सें भरियो ओ रे मोरे भौंरा।
सो अधिक रमानौं ओ रे मोरे भौंरा।
आले चोखे चंदन कटाय ओ रे मोरे भौंरा।