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सरग उड़ंती चिड़ोली, बीरा सावन रे / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सरग उड़ंती चिड़ोली, बीरा सावन रे,
एक संदेश लेइ जाअ गुलाबी रंग सावन रे।
बाप मर्यो ओकी खोय मुड़ी बीरा सावन रे,
टूट्यो रे चवरी को ख्याल, गुलाबी रंग सावन रे।
सरग उड़न्ती चिड़ोली, बीरा सावन रे,
तीन संदेशा लेइ जाअ गुलाबी रंग सावन रे।
माय मरी ओकी खोय मुड़ी बीरा सावन रे,
टूट्या रे रेटड्या को ख्याल, गुलाबी रंग सावन रे।