भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नकसुल्या चाऊर की खीर बनाई रे भाई / पँवारी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:22, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=पँवारी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
नकसुल्या चाऊर की खीर बनाई रे भाई
हररिया मुंगन की दार, रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
बड़ाज बनाया ओनऽ चाकी सा रे भाई
स्वारी रे पुन्नो को चाँद रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
घीव ज्यू तपायो ओनऽ आकरो रे भाई
बिजोड़ो दे रे भाई।।