भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कहाँ धर्या माय बरछी भाला रे भाई / पँवारी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:25, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=पँवारी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कहाँ धर्या माय बरछी भाला रे भाई
कहाँ धरी हय तलवार, रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
खोली मऽ धर्या बेटा बरछी भाला रे भाई
खुटिया टंगी तलवार रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
कोनऽ बरन माता कपड़ा रे भाई
कोनऽ बरन हथियार रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।