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हमखों बिसरत नई बिसारी / ईसुरी
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
हमखों बिसरत नई बिसारी,
हेरन हँसन तुमारी।
जुबन बिसाल चाल मतवारी,
पतरी कमर इकारी।
भांेय कमान बान से तानैं,
नजर तरीछी मारी।
‘ईसुर’ कात हमारे कोदै
तनक हेरलो प्यारी।