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पाँच लाडू पाँच धरिया / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पाँच लाडू पाँच धरिया
फलाणा राय पाँच पड़िया
नाचरे म्हारा गणपति
गणपतियो तो नाचेगो
सेरी में धूम मचायेगो
नाचरे म्हारा गणपति