भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उठो म्हारा गोरा लाड़ा / मालवी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:28, 29 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
KKCatMalawiRachna
उठो म्हारा गोरा लाड़ा
सुफल भ्याना
आंगणे नावीड़ो झारी लई ऊबो
नावीड़ा तो कई फलाणी बईरो कंत
फलाणा राम नावीड़ा, झोरी लई ऊबा
अंगणे भंगीड़ो झाडू दई दयो जी
भंगीड़ो तो कई है, फलाणी बई रो दास
फलाणा राम भंगी झाडू दई रयाजी
जागो हो म्हारा गोरा लाड़ा, सुफल भिळानो
आंगणे भिस्तीड़ो पाणी छिटकी रयो
भिस्तीड़ो कई फलाणी बई रो चाकर
फलाणा राय भिस्ती, पाणी छांटी रया
आंगणे कठाळियो हलदी लई आयोजी
आंगणे तम्बोली बिड़ला लई ऊबोजी
आंगणे मालीड़ो हार लई ऊबोजी
आंगणे हलवईड़ो सिरनी लई ऊबोजी
आंगणे मोचीड़ा मोजड़ी लई ऊबोजी