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समान-अन्तर / उपेन्द्र सुब्बा

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बाउले नपढेर दु:ख पाए
मैले पढेर दु:ख पाएँ।
गाउँमा-
बाउ हलो जोतिरा'छन्
म सहरमा टाउको जोतिरा'छु।
गरेर खानलाई
बाउसँग संसार छ
भोकभोकै मर्न तयार
मसँग अहङ्कार छ।
बाउले नपढेर दु:ख पाए
मैले पढेर दु:ख पाएँ।