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प्रतिपदा / प्रतिपदा / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
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पूर्णिमा अनुजा बिदित ई कला मात्रक न्यूनतेँ
थिक अमाक सहोदरा पुनि कला मात्रक पूर्णतेँ
क्षितिज सीमापर उदित ई तिथि अमर उद्बोधिता
ज्योति-रेखासँ लिखित ई अतिथि छथि संबोधिता।।
किन्तु रेखा मात्र ई राकाक रोचक भूमिका
फलक ई अंकित जतय विधु-यामिनी मधु-दूतिका
पद तुरीय अगम्य छन्दक तत्त्वदर्शिक सम्पदा
मैथिली - पद - रेणुगत त्रिपदा हमर ई प्रतिपदा।।