भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नारी-सौन्दर्य / श्रृंगारहार / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:07, 20 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वाटिका - तन चंपक, मुख कमल, दृग नलिन, अधर मधुरीक
कुंद दंति, जूही हँसी, धनि वाटिका प्रतीक।।1।।

लतिका - अरुन अधर लीची, अलक जामु कपोल रसाल
उर बड़हर श्री फल फड़ल लतिका एके बाल।।2।।

धनि धनिक - अधर अरुन विदु्रम, विशद मुक्ता दन्त प्रमान
शुचि कपोल कंचन रुचिर, छथि धनि धनिक महान।।3।।

धनि ऋतुमयी - पिक वयनी, शिखि केशिनी, उर फलिनी, मुख चंद
कुंद दति, निशि लबिनी धनि ऋतुमयी अमंद।।4।।