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कवन गीत गाईं / मोती बी.ए.

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कवन गीत गाईं, कवन धुन सुनाई, पंचन के बीच
शब्द उहे, अर्थ उहे, भाव का बताई पंचन के बीच।
कवन गीत गाईं...

कवन रस बरिसो जवन बरिसाई
संसति के कइसे हम सन्स्कृति बनाई
निराधार जीवन के आधार खोजीं
बे पहिया के गाड़ी कइसे चलाई, पंचन के बीच।
कवन गीत गाईं...

मेघ राग गवला से बरिसेला पानी
पानी ना बरसे त सूखत किसानी
गीतिन के भीतर से धूँआ उठतबा
इन्द्रदेव के कवने विधि से मनाई, पंचन के बीच।
कवन गीत गाईं...

धाने के गोफा में बालि बा सकाइल
दूध बिना ओकर बा होठवा झुराइल
लोरि ढरकवला से होखे के का बा
देखि देखि आपन करेजा ठेठाई, पंचन के बीच।
कवन गीत गाईं...

नवकी बेराइटी के नाया नाया बीया
अँखुवाइल खेते में धरती के धीया
आँखी में चमकत बा सोना के सपना
प्रकृति साथ ना दी त व्यर्थ कुलकमाई, पंचन के बीच।
कवन गीत गाईं...

पंथ ह सनातन, पुरातन से जोरल
घीव में चभोरल आ मिसिरी के घोरल
होई विकास लागी सरगे से सीढ़ी
बालू में नाव चली, सागर में धाई, पंचन बीच।
कवन गीत गाईं...
24.08.93