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तीर और तलवार / सूरजपाल चौहान
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सोने की चिड़िया
उड़कर
न जाने कहाँ
चली गयी
दूध की बहती नदियाँ
और वो घाट
जहाँ शेर और बकरी
पीते थे
पानी एक साथ
ज़मीन में धँस गये!
राम और रहीम
सियासत में फँस गये।