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तुम्हारी दूरबीन / लोकमित्र गौतम

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जब तुमने सहजता से कहा
मैं किसी से दोस्ती करने के पहले
उसकी जन्म तिथि देखती हूं
तो मुझे हैरानी नहीं हुई
तरस जरूर आया तुम पर थोड़ा
नहीं
मैं ऐसा नहीं कहता कि जन्मतिथि की दूरबीन से
कुछ भी नहीं दिखता
यकीनन इससे जिन्दगी के आंगन का बहुत कुछ दिखता है
तुम कई दस्तावेजी तकनीकी सच भी इस दूरबीन से देख सकती हो
तमाम निष्कर्ष निकाल सकती हो
मसलन
निष्कर्ष, सरकारी नौकरी की बची संभावनाओं का
निष्कर्ष, त्वचा में पड़ने वाली झुर्रियों का
[बावजूद बोटोक्स के प्रतिरोध के]
निष्कर्ष, किसी के पसंदीदा पहनावे का
[पसंदीदा हीरो जानने के बाद ]
और निष्कर्ष फुरसत में या समय काटने के लिए
सुनाए जाने वाले मंहगाई के किस्सों का
लेकिन कहता चलूं ताकि सनद रहे
जन्मतिथि की इस दूरबीन से
सब कुछ साफ़ साफ़ नहीं दीखता
वजह फिर चाहे दिखने की ठोस सैद्धांतिकी का अभाव हो
या देख पाने की क्षमता
जन्मतिथि की दूरबीन उम्र के भरे भदूले आँगन में बिखरी
तमाम सच्चाइयों को बिलकुल नहीं देख पाती
जैसे
ख्वाहिशों के मुजस्समे की झुर्रियां
महत्वाकांक्षाओं का ओर छोर
हौसले का गलनांक विंदु
समझदारी के थर्मामीटर की हलचल
और उम्मीदों की ध्रुवीय ज्योति
जन्मतिथि के गणित से तुम मेरी
उड़ान का आसमान नहीं नाप सकती
सच्चाई तुम्हें वैसे ही हैरान कर सकती है
जैसे यमराज को किया था नचिकेता के सवालों ने
जैसे द्रौपदी को किया था कुरु सभा में महारथियों कि झुकी निगाहों ने
उम्र एक हद तक नजर तो देती है
नजरिया नहीं
नजरिया उम्र की तिथि का गुलाम नहीं है
इसलिए मुझे शक है
कि तुम मुझे जन्मतिथि की दूरबीन से देख पाओगी?
देखा भी तो कितना देख पाओगी?