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छोटा टोना बड़ा लोना गे माई / मगही
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मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
छोटा टोना बड़ा लोना<ref>सुन्दर</ref> गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना।
टोनवा बाबुल<ref>बाबूजी, पिता</ref> जी के देस गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना॥1॥
अपने बने से मैं पनियाँ भरइहों<ref>भरवाऊँगी</ref> रे।
बिन ऊभन<ref>कुएँ से पानी निकालने के लिए डोल में बाँधी जाने वाली रस्सी</ref> बिन डोल गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना।
टोनवा बाबुल जी के देसे गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना॥2॥
अपने बने से मैं भात पकइहों<ref>पकवाऊँगी</ref> रे।
बिन हाँड़ी बिन डोइ<ref>काठ की कलछी</ref> गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना।
सासु को काहे का मलोल<ref>मलाल</ref> गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना॥3॥
अपने बने से मैं धान कुटइहों<ref>कुटवाऊँगी</ref> रे।
बिन उखली<ref>ओखल</ref> बिन मूसल गे माई, मैं नहीं जानूँ टोना॥4॥
शब्दार्थ
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