भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लंगूर की शादी / उमाकांत मालवीय

Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:08, 7 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमाकांत मालवीय |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शादी है लंगूर की,
दावत मोतीचूर की।
ऊदबिलाव बना सहबाला,
घोड़ा लाया टमटम वाला।
सेहरा सोहे, तन मन मोहे,
बाँकी शकल हुजूर की।
शादी है लंगूर की,
दावत मोतीचूर की।