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बदली / रंजना जायसवाल
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बदली
दूर रहकर भी
जान जाती है
धरती की प्यास
और आकाश के अनुशासन को
तोड़कर बरस पड़ती है
जैसे दुधमुँहे बच्चे की
माँ के स्तनों से
टपकने लगता है दूध
बच्चे की भूख के समय...।