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नदी बहुत दूर है / कुमार रवींद्र

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राजा ने बनवाये घाट नये
                    नदी बहुत दूर है
                 राजा फिर क्या करे
 
पान-फूल
राजा के बाग में
रानी के भाग में
बाकी सब खेत-पात
जलते हैं आग में
 
राक्षस जल पी गया
                   किस्सा मशहूर है
               राजा फिर क्या करे
 
कानी गौरैया ने
बूंद-बूंद पानी की
चोरी की
परियों के टापू पर
आह बसी गोरी की
 
अंधे हैं कुएँ
               और पनघट मजबूर हैं
               राजा फिर क्या करे